संसद में इस सप्ताह

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार लोगों की आकांक्षाएं पूरी करते हुए एक मज़बूत, सुरक्षित, सम्पन्न और समेकित भारत निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ये यात्रा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना के प्रेरित है। संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों, लोक सभा और राज्य सभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पहले दिन से ही सरकार लोगों को ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध करवाने और ख़राब शासन की वजह से उन्हें हुईं परेशानियों को दूर करते हुए उन का जीवन बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत के राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों ने पहले कार्यकाल में सरकार के कामों का मूल्यांकन करने के बाद लोक सभा चुनावों में दूसरे कार्यकाल के लिए पहले से भी ज़ोरदार समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि लगभग आधे सांसद पहली बार चुने गए हैं और चुनाव जीत कर आई महिला सांसदों की इतनी बड़ी संख्या एक इतिहास है। श्री कोविंद ने कहा कि सरकार का ध्यान ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने पर है। ये बताते हुए कि महिला सशक्तिकरण उन की सरकार की एक उच्च प्राथमिकता है, श्री कोविंद ने कहा कि समाज और अर्थव्यवस्था में उन की प्रभावी सहभागिता एक विकसित राष्ट्र की पहचान होती है। सरकार की पहलों की सूची बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के हर किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदान करने का फ़ैसला किया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पिछले पाँच वर्षों में कई क़दम उठाए गए हैं। छोटे दुकानदारों और खुदरा व्यापारियों के लिए सरकार की पेंशन योजना की भी उन्होंने सराहना की।

राष्ट्रपति ने सांसदों से एक राष्ट्र-एक चुनाव प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा। उन्होंने देश की हर बहन और बेटी को समान अधिकार प्रदान करने के लिए निकाह हलाला और तीन तलाक़ जैसी प्रथाएँ समाप्त करने की ज़रूरत पर भी बल दिया। सरकार का 5 सप्ताह से लंबा बजट सत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विपक्ष से इस अपील से शुरू हुआ था कि उन्हें 17वीं लोकसभा में अपनी संख्या के बारे में चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है। श्री मोदी ने कहा था कि देश के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए जनता के कल्याण के मुद्दों पर दलगत विचारधारा से ऊपर उठकर कार्य किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए एक सक्रिय और प्रभावी विपक्ष ज़रूरी है। उन्होंने 17वीं लोक सभा के प्रथम सत्र के पहले दिन ये टिप्पणी की थी।

श्री मोदी ने कहा कि विपक्ष के हर शब्द का महत्त्व है। उन्होंने कहा कि पिछले माह सम्पन्न हुए चुनावों के परिणाम से बहुत सी नई बातें उजागर हुईं, जैसे कि स्वाधीनता के बाद सबसे अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी और संसद में महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व सामने आया। पहली बार चुनकर आए सांसदों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन के साथ देश की सेवा की नई आशा, नई आकांक्षा और नया संकल्प जुड़ा है।

इस से पहले जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई थी प्रो-टेम स्पीकर, डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलवाई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले शपथ ली थी। बुधवार को सदन ने सर्वसम्मति से श्री ओम बिड़ला को 17वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुना। श्री ओम बिड़ला राजस्थान में कोटा-बूंदी से भारतीय जनता पार्टी से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा ये प्रस्ताव रखा गया था और केन्द्रीय मंत्रियों, श्री अमित शाह, श्री राजनाथ सिंह और श्री नितिन गडकरी ने उन के नाम का समर्थन किया।

प्रधानमंत्री ने गुजरात और उत्तराखंड में आए भूकम्पों के दौरान श्री बिड़ला द्वारा चलाई गईं नि:शुल्क सेवाओं को याद किया। बाद में सभी दलों के सदस्यों ने नए अध्यक्ष को बधाई दी। विभिन्न नेताओं द्वारा दी गई बधाई को स्वीकार करते हुए अध्यक्ष श्री बिड़ला ने सदन को आश्वासन दिया कि वे पीठासीन अधिकारी के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी निभाएँगे और दोनों पक्षों का सहयोग चाहेंगे। इस के बाद श्री मोदी ने भारत माता की जय और जय हिन्द के घोष के बीच श्री बिड़ला को अध्यक्ष के स्थान तक पहुँचाया। प्रधानमंत्री ने सदन से अपने मंत्रीमण्डल का परिचय भी करवाया।

आलेख- वी.मोहन राव, पत्रकार

अनुवाद- नीलम मलकानिया